जानवरो को सुरक्षित रखो और बचाओं (उनको चोट मत पहुँचाओ ):-famknowledge.blogspot.com

विनायकी 

Image:- 1 (तालाब के अंदर की  फोटो )

कौन है ये विनयनी ?

तो हमारा पहला प्रशन ये था की कौन है ये विनायकी ? तो विनायकी एक हथिनी का नाम है, जो हिंदुस्तान के लोगो ने दिया है। और अब कुछ लोग ये सोच रहे होंगे की हिंदुस्तान के लोगो ने एक हाथिनी का नाम क्यों रखा है ? ये पालतू थी तो इसके मालिक ने कियु नहीं रखा नाम ? हिंदुस्तान के लोगो ने कियु रखा है ? ऐसे ही पता नहीं कितने प्रशन लोगो के दिमाग मे आ रहे होंगे जिनको  विनायकी के बारे मे पता नहीं होगा। तो कुछ लोगो ने विनायकी के बारे मे सुना होगा न्यूज़ चैनल्स और सोशल नेट्वोर्किंग साइट ) और कुछ तो लोगो ने अनदेखा कर दिया होगा ये सोच की हर रोज तो कोई ना कोई जानवर मरता ही है, तो इसमे कौनसी बड़ी बात है, की हम सुने, देखे या बात करे इस बारे मे। 

                 तो हम आज विनायकी के बारे मे बात करते है, ताकि एक-एक इंसान इस बारे मे जान सके, समझे और हमारी मदद करे ताकि ये बात हम हर इंसान तक पंहुचा सके, की अगर हम किसी की मदद नहीं कर सकते तो मारने का कोई हक नहीं मिला है, और न ही किसी ने मारने का हक दिया है, हम इंसानो को और हम विनायकी की बात इसलिए कर रहे है। क्यूँकि जो विनायकी के साथ हुआ, वो किसी और जानवरों या पक्षिओं के साथ ना हो। 
    
Image:- 1 . 1 (तालाब के अंदर की  फोटो )
        तो अब बात करते है विनायकी के साथ क्या हुआ ?:- विनायकी एक हथिनी का नाम है, जो हिंदुस्तान के लोगो ने जो एक हथिनी को नाम दिया है। पहले ये हथिनी बेनाम थी, इसका कोई नाम नहीं था और जब इस हथिनी को एक नाम मिला  27 / मई /2020 ) के बाद तो ये हथिनी हमारे बीच नहीं है, क्यों ? एक नाम पाने के लिए क्या जानवरो को मरना पढ़ेगा ? जब इस हथिनी के पास नाम नहीं था तो ये जिन्दा थी, और जब अब नाम है, तो ये हथिनी जिन्दा नहीं है। क्यों ऐसा किया हुआ इस हथिनी के साथ जिस कारण इसे अपनी जान गवानी पड़ी। 

Image:- 2  (मरी  हुई हथिनी  को तालाब से 
                बहार निकलते हुए लोगो की 
           फोटो )
विनायकी 15- वर्ष की हथिनी थी। जो कुछ दिनों पहले जगलो मे रहती थी। ये हथिनी खाने की तलाश मे जंगलो से ( केरल के पलक्कड़ के गांव ) मे जा पहुंची इस उम्मीद मे की वहाँ उसे कुछ खाने को मिल जायेगा इंसानो के बदौलत और वो अपनी भूख को मिटा सकेगी, जो की ऐसा ही हुआ। उसे केरल के पलक्कड़ नाम के गांव मे) कुछ लोगो ने ( अनानास ) खाने को दिया पर उसे ये नहीं पता था, की वो जिन लोगो पर भरोसा कर रही है, ये सोच कर की वो लोग अच्छे है और उसे खाने को कुछ दे रहे है, पर ये नहीं पता था, उसको की वही लोग उसकी मरने की वजह होंगे, और उसे ये भी नहीं पता था, की जो वो खा रही है, वो उसके लिए ठीक है, या नहीं और ये भी नहीं पता था, की इंसानो का दिया हुआ ये खाना उसका अंतिम खाना होगा। 

Image:- 2 . 1  (मरी  हुई हथिनी  को तालाब से  
                      बहार निकलते हुए लोगो की  
                      फोटो )
अगर पता होता तो वो अभी जिन्दा होती, पर भूख ने उसे कुछ सोचने समझने ही नहीं दिया, अगर वो इंसानो का दिया हुआ वो (अनानास ) ना  खाती खुद ढूंढ लेती खाना तो जिन्दा होती वो, पर नहीं उसके भूख ने उससे कुछ सोचने समझने ही नहीं दिया। और उसने वो  (अनानास ) खा लिए और वो (अनानास ) खाते ही, उसके पेट मे जाकर वो फट गया, जिससे उस हथिनी का जबड़ा टूट गया और उसके पेट के अंदर भी बहुत चोटे आई। जिससे करण उस हथिनी को बहुत दर्द हो रहा था ,और वो दर्द से इधर से उधर भागने लगी पर उस हथिनी ने किसी भी इंसान को, किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया । उन इंसानो का जिन इंसानो ने उसे उस दर्द मे डाला था। क्यूँ क्यूकि वो एक अच्छी हथिनी थी, पर वो लोग अच्छे नहीं थे, जिन लोगो पर उसने भरोषा किया था। एक जानवर ने इंसान ना होने के बाद भी इंसानियत दिखाई। और जो इंसान थे उन लोगो ने जानवर वाली हरकत की तो जानवरो और उन इंसानो मे क्या फर्क हुआ कुछ नहीं।

Image:- 3 (मरी  हुई हथिनी  के ऊपर पानी
               डालते  हुआ हाथी  की  फोटो )
केरल के पलक्कड़ नाम के गांव ) के लोग जो जंगली सुवरो को पकड़ने / और उनको मरने के लिए जिस बम का प्रयोग करते थे। उसी बम का प्रयोग वहाँ के लोगो ने उस हथिनी को अनानास ) के अंदर डाल कर खिला दिया , जिसे खाते ही उस हथिनी को बहुत सी चोटे आ गई और वो फिर वहाँ से भाग गई, इस घटना के बाद हथिनी खाने की तलाश मे उसी गांव मे फिर कई बार देखी गई। वो अभी भी उन इंसानो पर भरोसा कर रही थी, पर उसे किसी ने कुछ नहीं खाने को दिया। और तो और जबड़ा टूटने के कारण से और पेट मे लगी चोटो के कारण उसे कुछ नहीं खाया जा रहा था। उसे बहुत दर्द हो रहा था, जब उसे कही से कोई मदद नहीं मिली तो वो वहाँ से चली गई और वह एक तालाब के पास जा पहुंची, और फिर उस तालाब के पानी में चली गई और बहुत देर तक उस तालाब मे रही, क्या पता उन चोटो से उसे पानी मे थोड़ा आराम मिल रहा होगा। वो एक हफ़्ते तक उसी पानी मे रही उसी पानी को उसने अपना घर बना लिया, वो पानी से बहार फिर नहीं आई, उसने तालाब के पानी मे ही अपनी आखिरी सांसे ली, उसकी उसी पानी मे मृत्यु हो गई।

Image:- 4  (JCB की मदद से  मरी हुई  हथिनी 
                       को तालाब से निकलते हुए
                       की फोटो  )

 
जब वहाँ के लोगो ने देखा की पानी के अन्दर एक हथिनी है, तो उन लोगो को लगा की वो गर्मी की वजह से पानी मे गई होगी। जब फिर कुछ देर बाद देखा तो भी वो हाथी पानी के अंदर ही थी, जब बहुत देर से कोई  हाल चल नहीं हुई, तो लोगो को लगा की कुछ हुआ तो नहीं है उस हथिनी को ये जांच करने के लिए उन लोगो ने पानी मे पहले पत्थर फेका ताकि वो डर के पानी से बहार आये या हिले थोड़ा बहुत पर वो नहीं हिली, तो एक आदमी ने पानी मे जाकर देखा, तो वो मर चुकी थी, तो वो आदमी उस हथिनी को पानी से बहार निकालने के लिए और लोगो को लाया पर लोग उसे नहीं निकल पाए , फिर दो हाथियों को लेकर पानी के अंदर गए ताकि उस हथिनी को उन दो हाथियों की मदद से बहार लेकर आ सके पर उन दोनों हाथियों से भी नहीं हो पाया। फिर JCB की गाड़ी आई फिर उसकी सहायता से उस हथिनी को बाहर निकाला गया और जब वो बाहर निकाली गई  JCB की गाड़ी के मदद से तो तब उसके पास उन दो हाथियों में से एक हाथी उसके ऊपर पानी डालने लगा ताकि वो हाथिनी उठ जाये पर वो हथिनी नहीं उठी, क्युकी वो मर चुकी थी। फिर उस हाथिनी को जानवरो वाले हस्पताल ले जाया गया, पोस्टमॉर्टम के लिए तो लोगो को पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद जो चौका देनी वाली बाते पता चली, जिसके कारण लोगो के अंदर बहुत ज्यादा गुस्सा देखा गया, उन लोगो के लिए जिन लोगो के कारण उस हथिनी की जान चली गई थी, पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट मे जो चौका देने वाली बाते पता चली थी, वो ये कुछ बाते थी।  
Image:- 3 . 1  (मरी  हुई हथिनी  के ऊपर पानी 
                     डालते  हुआ हाथी की फोटो )
  1. वो एक मादा हथिनी थी। 
  2. वो हथिनी माँ बनने वाली थी, कुछ महीनो के बाद, वो एक बच्चे को जन्म देने वाली थी। 
  3. उस हथिनी ने 14 दिनों से कुछ भी नहीं खाया था।  
  4. उसके मुँह में विस्फोट होने के वजह से उसका जबड़ा टूट गया, जिसके वजह से उसे खाने चबाने मे बहुत ही ज्यादा परेशनी हो रही थी, जिसकी वजह से वो खाना भी नहीं खा पा रही थी।  
  5. और सबसे बडी बात उस हथिनी की मौत  का प्रमुख कारण फेफड़ो मे पानी भर जाना बताया गया। 
  6. पोस्टमॉटम की रिपोर्ट मे कहा गया की हथिनी की मौत पानी मे सांस लेने के कारण फेफड़ो मे पानी भर जाने से हुई है।  
जब ये बाते पता चली लोगो को तो लोगो को बहुत ही ज्यादा गुस्सा आया और लोगो ने उन लोगो को सजा देने को कहा सरकार को। एक माँ थी, वो हथिनी कुछ महीनो बाद वो आपने बच्चे को जन्म देती पर कुछ इंसानो को ये मंजूर नहीं था, की वो एक बच्चे को जन्म दे। दुनिया को देखने से पहले ही उस बच्चे को मार डाला और साथ मे  उसकी माँ को भी। हम इंसानो और जानवरो मे क्या अंतर है :-

                                    इंसान 

                             जानवर 

इंसान दो पेरो पर चल सकता है।  

जानवर चार पेरो पर चल सकता है।  

इंसान बोल सकता है।अपनी फीलिंग्स और परेशानी लोगो को बता सकता है।                                            

जानवर बोल नहीं सकते और न ही अपनी परेशानी किसी को बता सकते है।            

इंसान पढ़े-लिखे होते है। 

जानवर अनपढ़ होते है। 


बस यही अंतर है , जानवरो और इंसानो मे, पर कुछ इंसान ये भूल जाते है की इंसानो और जानवरो मे कुछ एक जैसी भी खुभिया है :-

      

                              इंसान 

                                        जानवर 

इंसानो को जब कोई तकलीफ होती है, तो उनको दर्द होता है. 

जानवरो को भी किसी प्रकार की तकलीफ होती है,तो उनको भी दर्द होता है।                    

इंसानो को जब किसी प्रकार की चोट लगती है, तो उनको खून निकलता है।                     

जानवरो  को भी  जब किसी प्रकार की चोट लगती  है, तो उनका भी खून निकलता है।                     

इंसानो को किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ हो जाने पर वो रो देता है।  

जानवर को भी  किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ हो जाती है, तो वो भी रो देता है।                 

इंसानो को किसी न किसी से प्यार होता है, लगाव होता है, किसी न किसी से।                       

जानवरो को भी  किसी न किसी से प्यार होता है,  लगाव होता है, किसी न किसी से ।                        

इंसानो को गुस्सा आता है, जब कोई उनके साथ गलत  करता है और उनको परेशान करता है, तो।    

जानवरो को भी गुस्सा आता है, जब कोई उनके साथ भी  गलत करता है या उन्कोक भी परेशान करता है, तो।               

इंसान दोस्त बनाते है, और दोस्ती निभाते है। 

जानवर भी दोस्त बनाते है, और बहुत अच्छे से दोस्ती को निभाते भी है। 

इंसान को अपनी भूख मिटाने के लिए खाना चाहिए  होता है और पिने के लिए पानी चाहिए होता है। 

जानवरो को भी अपनी भूख मिटाने के लिए खाना चाहिए    होता है और पिने के लिए पानी चाहिए होता  है। 

       
 क्या अंतर है, जानवरो और इंसानो मे ज्यादा अंतर नहीं है, अंतर सिर्फ कुछ इंसानो की सोच मे है, जो ऐसी हरकत करते है, बेजुबान जानवरो के साथ।  सबसे बड़ा अंतर बताना तो भूल ही गए हम इंसान समझदार होता है और जानवर समझदार नहीं होता, क्यू क्यूकि अगर कोई इंसान जानवरो की एक से दो बार मदद कर दे तो उन जानवरो को लगता है, की ये अच्छे इंसान है, ये इंसान हमारी मदद कर सकते है, और वो इंसानो के पीछे पीछे उनके घर तक आ जाते है इस उम्मीद मे की उनकी कुछ मदद हो जाएगी और थोड़ा प्यार भी मिल जायेगा इंसान से, पर ये भूल जाते है की कुछ इंसान जानवरो की कदर नहीं कर सकते, ये कुछ ये कुछ इंसान कौन है, ये उन जानवरो को कैसे पता, वो तो हर इंसान को एक जैसा ही समझने की भूल कर देते है, जिसके कारण उनको अपनी जान गवानी पड़ जाती है, सिर्फ इसी एक गलती के वजह से उन जानवरो को। पर ये भूल जाते है की हर इंसान एक जैसा नहीं होता है। 
     जानवरो को थोड़ा सा प्यार दिखाओ और थोड़ी मदद कर दो तो वो उसी मे खुश हो जाते है, जानवरो को सिर्फ एक चीज़ का लालच होता है और वो है सिर्फ प्यार अगर प्यार दिखा दिया जानवरो को तो वो आपके पीछे पीछे आने लगते है, और उनको लगाव हो जाता है, जो सबसे बड़ी गलती करते है, जानवर हाँ ना, यही गलती थी ना, विनायकी की, विनायकी की भी क्या पता पहले किसी और इंसान ने मदद की हो इसलिए उसने दूसरे इंसान पर भरोसा किया और उसका दिया हुआ खाना खा लिया। और उस खाने का भुखतान अपनी और अपने बच्चे की जान दे कर किया उसने उस टाइम जब उनके साथ ये सब हुआ तब विनायकी और उसके पेट मे जो बच्चा था, वो यही सोच रहे होंगे की हमने क्या गलती कर दिया जो इंसानो ने हमारे साथ इतना बडा धोखा किया, हमने तो किसी का कुछ नुकसान नहीं किया पर इन इंसानो ने ऐसा क्यों किया। हमने भरोषा किया इंसानो पर इसलिए हमें अपनी जान देनी पड़ रही है, कास हम भरोषा न करते तो आज हम दोनों ठीक होते। 
           विनायकी ने तो थोड़ी बहुत दुनिया को देख ही लिया था, पर उसके पेट मे पल रहे बच्चे ने तो दुनिया तक नहीं देखी थी और वो अब कभी दुनिया देख भी नहीं पायेगी / पायेगा और न ही उसकी माँ आगे दुनिया को देख पायेगी। 

    अगर वो चाहती तो उन इंसान को बहुत नुकसान पंहुचा सकती थी, जैसे की उन लोगो का घर तोड़ सकती थी, उन लोगो को जान से मर सकती थी, पर नहीं किया उसने क्यों क्युकि वो किसी को तकलीफ मे नहीं देख सकती थी, तकलीफ नहीं देना चाहती थी, आपने वजह से किसी और को या और कुछ ये तो अब बस उसी हथिनी को पता होगा की उसने क्यों नहीं तकलीफ दिया उन लोगो को जीन लोगो ने उसके और उसके होने वाले बच्चे के साथ जो किया, वो एक अच्छी हथिनी थी और इंसानो के बीच एक बहुत अच्छी मिसाल बनी, पता है क्यों क्यूंकि जब उसे तकलीफ हो रही थी, जो की इंसानो ने ही दी थी, ये पता होने के बावजूद उसने कुछ नहीं किया इंसानो को, बल्कि वो वहाँ से भाग कर कही और चली गई, और तो और फिर खाने की तलाश मे भी गई, उसी गांव मे कई बार।जान जानवरो मे भी होती है तकलीफ भी होता है, उनको और इंसानों मे भी जान होती है उनको भी तकलीफ होती है, अगर इंसान जानवरो की मदद नहीं कर सकते या प्यार नहीं दे सकते तो उनको तकलीफ भी देने का कोई हक़ नहीं है और उनकी जान भी लेने का कोई हक़ नहीं । भगवान ने एक ही जिंदगी दिया है हर किसी को, और इस जिंदगी को जीने का हक़ हर किसी को मिला है, चाहे इंसान हो, जानवर, पक्षीहर जीव जन्तु को जीने का पूरा हक़ मिला है, और हाँ जैसे इंसान बोलते है ना की सब इंसान एक जैसे नहीं होते, वैसे ही सब जीव-जन्तु एक जैसे नहीं होते। 

          हमारा सिर्फ ये मकसद है की किसी भी तरह के जानवरो और पक्षिओ को किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ न दे, अगर कोई जानवर या पक्षी आपको परेशान करता है तो वन विभाग मे सूचित करे ताकि वो आकर उस जानवर या पक्षी को सही से पकड़ कर ले जा सके, पर उसे जान से न मरे क्युकी Earth पर इंसानो का रहना जितना जरुरी है, उतना ही ज़रूरी जानवरो, पक्षिओ और हर प्रकार के जीव-जन्तुओं का भी इस Earth पर है, तभी ये दुनिया सही तरीके से चल पायेगी। और ये हर बच्चे, लड़के, लड़किया, औरतो, आदमी और बूढ़े  हर किसी को पता होना चाहिए। हमारा यही मक़सद है की हम लोगो को जानवरो, जीव-जन्तुओ के प्रति प्रेम भावना को बढ़ा सके, ना की किसी की भवनों को ठेस पहुंचना। अगर आप सबको ये बाते सही लगी है, तो प्लीज इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो को शेयर करे ताकि हम अपनी बात सभी लोगो तक पंहुचा सके।  

     

--जानवरो को सुरक्षित रखो और बचाओं (उनको चोट मत पहुँचाओ )--

                         

-----------------------------------धन्यवाद हमारी बात सुनने के लिए----------------------------------- 

 


Search

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

'मदर इंडिया' और 'कोहिनूर' में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले दिग्गज अभिनेता कुमकुम का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया

अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन

गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल का ट्रेलर: जान्हवी कपूर शरण शर्मा फिल्मो में ऊंची उड़ान भर रही हैं